मेरी आज़ादी

कोई पूछे हम बच्चों से

आज़ादी है क्या बंधन से

हम तो कहते नया हो बचपन

वैसा हो जो होता बचपन

हम भी खेलें सब बच्चों संग

हम भी चाहें लड़ना संग संग

संग में पढ़ना

संग में लिखना

संग संग में सबके चलना

जो है चाहत मेरे मन की

वो मुझको लगती आज़ादी

नलिन वाधवा

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